December 4, 2023 6:59 pm

उपभोक्ता आयोग ने आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी को दिए मैच्योर राशि ब्याज सहित देने के आदेश

उपभोक्ता आयोग ने आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी को दिए मैच्योर राशि ब्याज सहित देने के आदेश
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला


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नागौर। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नागौर ने एक परिवादी की दो एफडीआर के मैच्योर होने के बावजूद उसे नियमानुसार भुगतान नहीं दिए जाने से जुड़े एक प्रकरण में आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी को सेवा में कमी का दोषी माना है। आयोग इस प्रकरण में आयोग ने सोसायटी के खिलाफ अखबारों में नोटिस भी छपवाएं, एक पार्टी को नोटिस तामिल भी हुआ मगर इसके बावजूद अप्रार्थीगण न्यायालय में पेश नहीं हुआ। इस पर न्यायालय ने एकपक्षीय फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि वे परिवादी को मैच्योर राशि पर नियमानुसार ब्याज सहित तथा आयोग में मामला आने के बाद उक्त राशि को 9 प्रतिशत ब्याज सहित प्रदान करें।

यह था मामला

मेड़ता सिटी के निकट रियांश्यामदास गांव निवासी सत्यनारायण व्यास ने 7 अक्टूबर 2020 को एक परिवाद आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी की जोधपुर, उदयपुर व अहमदाबाद शाखा के खिलाफ पेश कर बताया कि उसने 31 मार्च 2018 को एक लाख एक हजार रुपए की तथा 12 जून 2018 को 2 लाख 90 हजार रुपए की एफडीआर कराई थी। इस दौरान सोसायटी के अधिकारियों ने बताया कि यदि एफडीआर बीच में भी तुडवा लेंगे तो भी परिवादी को ब्याज देय होगा। तदोपरांत एक साल बाद नियमानुसार एफडीआर मैच्योर हुई तो परिवादी ने भुगतान के लिए आवेदन किया लेकिन सोसायटी परिवादी को भुगतान नहीं कर रही थी तथा उसे चक्कर लगवाती रही। करीब छह माह तक चक्कर लगाने के बाद आखिरकार परिवादी आयोग की शरण में आया।

नोटिस भी प्रकाशित कराए

मामला आयोग के समक्ष आया तो न्यायालय ने आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी के जोधपुर व उदयपुर तथा अहमदाबाद कार्यालय में नोटिस भेजे तो पता चला कि जोधपुर व उदयपुर की ब्रांच बंद हो चुकी है। इस पर न्यायालय ने नोटिस भी प्रकाशित कराए। अहमदाबाद ब्रांच को नोटिस तामिल भी हो गया मगर तीनों अप्रार्थी न तो न्यायालय में पेश हुए और न ही उनकी तरफ से किसी ने नोटिस का जवाब दिया। इस पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नागौर के अध्यक्ष नरसिंह दास व्यास, सदस्य बलवीर सिंह खुडखुडिया व चन्द्रकला व्यास ने सोसायटी को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए आदेश दिया कि वे मैच्योर राशि पर नियामनुसार ब्याज तथा आयोग के समक्ष मामला आने की तारीख से लेकर भुगतान की तिथि तक परिवादी को 9 प्रतिशत ब्याज सहित राशि अदा करें। साथ ही न्यायालय ने मानसिक वेदना के 5 हजार रुपए और परिवाद शुल्क पेटे 5 हजार रुपए अलग से अदा करने के आदेश भी सोसायटी को दिए।

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Author: News Inside 7


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